नाम दौलत और शोहरत से लबरेज़ बॉलीवुड जहाँ हर कोई अपनी धाक जमाना चाहता हैं। यही कारण हैं कि हर रोज बॉलीवुड में अपना नया मुक़ाम बनाने के लिए हज़ारो लोग बॉलीवुड की तरफ रुख़ करते हैं। लेक़िन सफलता कुछ ही लोग हैं जो हासिल कर पाते हैं । आज इस पोस्ट में उन्ही 10% लोगों के बारे में जानेंगे जो बड़ी सफ़लता हासिल कर पाते हैं।
बॉलीवुड में आख़िर सफ़लता का क्या मतलब हैं ?
हज़ारो लोग बॉलीवुड में अपना करियर बनाने के लिए हर रोज यहाँ आते हैं। सबके अपने अपने सपने होते हैं। कोई एक्टर, कोई सिंगर तो कोई राइटर बनने के लिए यहाँ आते हैं। लेक़िन क्या सबके सपने साकार हो पाता हैं इसका ज़बाब हैं नही।
क्योंकि ज़्यादातर लोग यहाँ वही घिसीपिटी ज़िन्दगी जीने लगते हैं वो काम भी करते हैं जो वो करने आते हैं फिर भी वो सफ़ल नही हो पाते हैं आख़िर क्या करना हैं ? सफलता को कैसे परिभाषित किया जा सकता हैं।
सही मायने में सफ़ल किसको कह सकते हैं ?
मान लो कि आप बॉलीवुड में अपने आपको एक सफ़ल एक्टर बनाने के लिए आते हो। आप यहाँ आने के बाद स्ट्रगल करते हो , जगह जगह ऑडिशन देते हो। कुछ समय बाद आपको एक्टिंग में काम भी मिलना शुरू हो जाता हैं और आप कम भी कर रहे हो एक्टिंग का।
धीरे धीरे समय बितता जाता हैं और आप अपना काम भी कर रहे होते हो। वही वन डे टुडे का काम करते हो, और जो पेमेंट एक दो दिन वाले एक्टर को मिलता हैं आपको भी मिलता हैं लेक़िन उतने से न तो आप अच्छे से रह पाते हो और न ही सही से सर्वाइव कर पाते हो। तो क्या आप अपने आप को एक सफ़ल एक्टर कह सकते हो ?
मेरी नज़र में बिल्कुल नही क्योंकि सही सफ़ल होने का मतलब हैं आप एक टॉप लेवल का एक्टर बन जाते हो जिसके पास वो सबकुछ होता हैं जिसकी वो कामना करता हैं और जिसको देखकर वो एक्टिंग में अपना करियर बनाने के लिए आता हैं।
यही मुख्य फ़र्क हैं सफ़लता और असफ़लता के बीच में। ज़्यादातर लोग अपनी लाइफ का गोल्डन पीरियड निकाल देते हैं इसी तरह काम करते करते। वो न तो एक बड़ा नेम फेम अर्जित कर पाता हैं और न ही दौलत। जिसके कारण वो जीवन में एक आम आदमी की तरह भी ज़िन्दगी नही जी पता हैं हमेशा उनके पास पैसों की किल्लत रहती हैं।
इसलिए वो न घर के न घाट के रह जाते हैं
यही कारण हैं कि अक्सर आपने कहते हुए सुना होगा कि फ़िल्म लाइन के चक्कर में बर्बाद हो गया। और ये रियालिटी हैं अगर आप ख़ुद उस लाइन में हो तो आप इस बात का ज़बाब दे सकते हो या फिर जो हैं उनसे आप बात करके आस्वस्त हो सकते हो।
आज हमलोग अर्थयुग में जी रहे हैं इस युग में आप कुछ भी कर लो अगर आपके पास पैसे नही हैं तो आप सही मायने में सफ़ल नही माने जाओगे। ऐ के हंगल साहब शोले से लेकर न जाने कितनी बड़ी बड़ी फिल्मों में काम किया लेक़िन जब उनका देहांत हुआ तो उनके क्रिया कर्म के लिए भी पैसे नही थे।
जब अमिताभ बच्चन ने उनको पांच लाख रुपये दिए तब जाके उनका काम हो पाया , जबकि वो पूरी ज़िंदगी एक्टिंग ही करते रहे। तो अब आप बताओ कि क्या वो सफ़ल थे आपके नज़र में या क्या था ?
आप जिस भी फील्ड में हो आपको उस लेबल तक जाना चाहिए जहां आपके पास सबकुछ हो, नाम दौलत ,ताकि आप अपनी ज़िंदगी को एन्जॉय कर सको और अपने बच्चों को एक बेहतर ज़िन्दगी दे सको। क्योंकि यहाँ हर चीज़ पैसे से ही मिलता हैं।
लेक़िन इस बात का मलतब ये नही हैं कि पैसा ही सबकुछ हैं हा लेक़िन सबकुछ पास होने के लिए पैसा का होना अतिआवश्यक हैं। इसलिए आप जो भी करना चाहते हो इतनी सिद्दत से करो कि आप आसमान की बुलंदियों को छू सको जैसे सुशांत सिंह राजपूत, नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी, इरफान खान, मनोज बाजपेयी जैसे बहुत नाम हैं जिन्होंने बाहर से आके उस बुलंदी को छु पाया और आज उनके पास स्टारडम के साथ दौलत और शोहरत सबकुछ हैं।
असफ़लता का मुख्य कारण
01.लड़खड़ाता हुआ Determination
असफलता का सबसे बड़ा कारण हैं क्योंकि लोग केवल काम करते चले जाते हैं उनका कोई Time Boundation नही होता हैं कि मुझे कब कहाँ अपने आपको को पहुचाना हैं। जब तक आप टारगेट फिक्स नही करोगे की कितने समय में मुझे क्या हासिल करना हैं आप नियत समय में अपनी मंज़िल तक नही पहुच सकते हो।
02. घर परिवार से सपोर्ट नही होना
जो लोग बॉलीवुड में एक ख़ास मुक़ाम हासिल नही कर पाते हैं उनकी सबसे बडी समस्या होती हैं घर से सपोर्ट न होना। जिसके कारण जब वो बॉलीवड में आते हैं अपने करियर को बनाने के लिए तो उनके पास survive करने के लिए पैसे तक नही होते हैं।
मज़बूर होकर वो दूसरे काम में लग जाते हैं ताकि मुम्बई के खर्च को वहन कर सके और इस सबके चक्कर में उनका जो मुख्य काम जिसके लिए वो आये थे वो पीछे छूटता चला जाता हैं और साथ ही उनका फोकस नही रह पाता हैं अपने करियर पे। फिर समय से साथ वो समझौता करते चले जाते हैं।
लेक़िन इसमें भी कुछ लोग बहुत बेहतर कर लेते हैं क्योंकि वो ज़्यादा मेहनत करते हैं और अपने फोकस को क्लियर रखते हैं।
टैलेंट का न होना
किसी भी फील्ड में टैलेंट ही किंग होता हैं जीवन के रेस में वही लोग पिछड़ जाते हैं जिनके पास टैलेंट की कमी होती हैं। क्योंकि एक स्टार भी एक्टिंग ही करता हैं और एक छोटा एक्टर भी। लेक़िन कही न कही स्टार के अंदर वो टैलेंट होता हैं जो उसे स्टार बना देता हैं।
इसलिए अपने अंदर झांकिए और अपने टैलेंट को पहचानिए और उसी में पूरी ईमानदारी से मेहनत कीजिये तब आप भी उस ऊचाई तक ज़रूर पहुँच सकते हैं।
समय की कद्र नही करना
ये सबसे बड़ा कारण हैं क्योंकि मैंने देखा हैं जब एक नया एक्टर आता हैं उसे जब कुछ काम मिलने लगता हैं तो फिर उसके अंदर स्टारडम वाली फीलिंग आ जाती हैं।
उसके बाद वो काम पे ध्यान देने के बजाय गर्लफ्रैंड, बॉयफ्रेंड के चक्कर में पड़ जाते हैं। हर रोज पिकनिक मूवी, और शॉपिंग में ही उसका आधा समय बर्बाद हो जाता हैं। उसे ग़लतफ़हमी हो जाती हैं कि जो वो करने आया था वो सब मिल चुका हैं। ये सबसे बड़ा कारण हैं उन 90% लोंगो का जो कुछ बड़ा नही कर पाते हैं।
बाकी 10% लोग जो अपार सफ़लता अर्जित करते हैं
लेक़िन ठीक इसके विपरीत 10% लोग जो बड़ी सफ़लता की हासिल कर पाते हैं वो हर काम को नियत समय पर करते हैं। वो समय की कद्र करते हैं।
अपने अंदर टैलेंट को विकसित करते हैं अगर उनके पास न भी हैं तो वो सीखते हैं और फिर उस काम को करते हैं।
उनका शुरू से ही टारगेट फिक्स होता हैं और वो समय के साथ अपने एम्बीशन को फिक्स करके काम करते हैं।
उनको केवल अपनी मंज़िल दिन रात दिखाई देती हैं उनको पता होता हैं कि वो क्यों और क्या करने इतनी दूर आये हैं।
वो useless काम करने से अपने आपको दूर रखते हैं ताकि वो अपना सारा फोकस अपने काम पे लगा सके तभी तो वो सफ़ल हो पाते हैं।
और ये बात बिल्कुल सही हैं जिसके अंदर टैलेंट हैं उसको आज न कल मौक़ा ज़रूर मिलता हैं। क्योंकि टैलेंट को ज़्यादा देर तक नही दबा के रखा जा सकता हैं।
और इतिहास गवाह हैं जिनके अंदर टैलेंट रहा हैं वो न केवल बॉलीवुड बल्कि किसी भी फील्ड में झंडे गाड़े हैं। ये 100% proved हैं।
सारांश
अगर आपने इस पूरे आर्टिकल को पढ़ा होगा तो तो आप समझ गए होंगे कि किस तरह सफ़लता हासिल की जाती हैं और किन लोंगो को उनकी मनचाही मंज़िल मिल पाती हैं।
तो अगर आप भी बॉलीवुड में अपना मुक़ाम बनाना चाहते हो तो आपको भी इस तरीके से कम करना होगा नही तो आप उस 10% की लिस्ट में अपने आपको शामिल नही कर पाओगे।
इस आर्टिकल में मैंने अपने आखों देखी बात बताई हैं जो पूरी तरह प्रैक्टिकल हैं। लेकिन इसका मतलब ये नही हैं कि आप उन 10% लोगों में शामिल नही हो सकते हो। बस ज़रूरत हैं बताये गए तरीक़े से कम करने की। क्योंकि
Nothing is impossible in this world
बस आप सिद्दत से काम करो और अपने अंदर छुपे टैलेंट को बाहर निकालो फिर आपको सफ़ल होने से कोई नही रोक सकता हैं।
उम्मीद करता हु की इस आर्टिकल से आपको काफ़ी सहायता मिलेगी। अगर आपको पोस्ट पसंद आया हो तो आप अपने विचार कमेंट करके ज़रूर बताये और साथ ही दूसरों को भी शेयर करें ताकि उनको भी हेल्प मिल सके।।
धन्यवाद