एडिटिंग में प्रयोग किया जाने वाला कुछ टेक्निकल वर्ड्स जिसे जानना ज़रूरी होता हैं

ravi

हेल्लो फ्रेंड्स आज इस पोस्ट में बात करेंगे एडिटिंग से जुड़े कुछ ऐसे वर्ड्स के बारे में जिसे एडिटिंग करने के लिए जानना बहुत ही ज़रूरी हैं। तो आइए जानते हैं कौन कौन से वो वर्ड्स हैं।

फ़िल्म मेकिंग के चार स्तंभो में एक एडिटिंग बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट हैं। कोई भी प्रोजेक्ट हो, चाहे फ़िल्म, सीरियल, म्यूजिक, वीडियो, डॉक्यूमेंट्री, इत्यादि बिना एडिटिंग ( संपादन ) के पूरी नही हो सकती हैं।

एक बेहतरीन एडिटिंग करने के लिए एडिटिंग का नॉलेज होना बहुत ही ज़रूरी हैं। इसके लिये आप एडिटिंग सिख सकते हो। किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान से या फ़िर आजकल आप ऑनलाइन भी सिख सकते हो। या फिर आप YouTube का भी सहारा ले सकते हो।

साथ ही एडिटिंग करने या अच्छी समझ के लिए कुछ टेक्निकल वर्ड्स हैं जो एडिटिंग में प्रयोग किये जाते हैं उसे जाने बिना आप अच्छी एडिटिंग नही कर सकते हो।

एडिटिंग में प्रयोग किये जाने वाले टेक्निकल वर्ड्स (शब्द)

ग्रैब करना

Grab का मतलब होता हैं शूट किए हुए फुटेज को एडिटिंग मशीन में डालना। ये वर्ड एडिटिंग में हमेशा प्रयोग किया जाता हैं।

कैप्चर करना (Capture)

Capture का मतलब भी वही होता हैं कि जो आपने शूट किया हैं उसको सिस्टम में अपलोड करना ताकि आगे एडिटिंग स्टार्ट किया जा सके।

सिंक करना (Sync)

एडिटिंग में ये वर्ड काफ़ी कॉमन हैं जिसका मतलब होता हैं कि जो ऑडियो और वीडियो शूट हुआ हैं उसको sync करना यानी कि मैच करना। पहले जब फिल्में निगेटिव पे शूट होती थी तो वीडियो अलग रिकॉर्ड होता था और ऑडियो अलग नगरा पे रिकॉर्ड होता था।

जिसको बाद में स्टीन बैक ( पुरानी एडिटिंग मशीन ) पे ऑडियो को वीडियो के साथ मैच किया जाता था। हालांकि आज भी मैचिंग जैसे गानों को किया जाता हैं। ऐसी मैचिंग को सिंक करना भी कहते हैं। यानी कि लिप्स के अनुसार ऑडियो को मैच करना को sync करना कहते हैं। इसे लिपसिंग भी कहा जाता हैं।

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आउट सिंक ( Out Sync )

जब लिप्स के अनुसार ऑडियो प्रॉपर मैच यानी कि सिंक नही होता हैं तो उसे आउट सिंक कहते हैं। आपने कई बार देखा होगा कि लिप्स के अनुसार डायलॉग मैच नही होता हैं तो उसे ही out sync कहते हैं।

EDL ईडीएल ( Edit Decision List )

एडिटिंग फाइनल होने के बाद EDL निकाला जाता हैं EDL में जितने भी एडिटिंग के दौरान cuts किये जाते हैं वो सारे cuts होते हैं। इसका प्रयोग अपग्रेड के लिए खासकर किया जाता हैं।

अपग्रडे (Upgrade)

एडिटिंग जब हमारे पास फुटेज को स्टोर करने के लिए जगह हार्डडिस्क में कम होता हैं तो हम पहले low resolution पर कैप्चर करके एडिट कर लेते हैं और उसका EDL निकल लेते हैं। तो जो भी फाइनल कट हमने किया हैं वो EDL में save होता हैं।

उसके बाद हम इस EDL को high resolution पर फिर से कैप्चर करते हैं ऐसी को हम अपग्रेड कहते हैं। आज कल XML EDL के जगह पर बनाया जाता हैं।

Piolot ( पायलट )

जब किसी प्रोजेक्ट को चैनल को दिखाने के लिए हम शुरू के एक या दो एपिसोड शूट करते हैं तो उसे हम piolot कहते हैं। कही कही जो शूटिंग फ़ुटेज होता हैं उसे भी piolot कहा जाता हैं।

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Rushes ( रसेज़ )

फ़ुटेज को ही rushes भी कहा जाता हैं। जो भी हम शूट करते हैं यानी कि शूटिंग मटेरियल को हम फ़ुटेज या rushes भी कहते हैं।

Master (मास्टर)

जब किसी भी प्रोजेक्ट को फाइनल एडिटिंग करने के बाद जो ट्रैक होता हैं उसे मास्टर कहते हैं। जब ऐसे बनाया जाता हैं तो उसे mastering कहा जाता हैं।

सुपर इम्पोज़ ( Super Impose )

जब दो अलग अलग वीडियो को इस साथ मिक्स कर दिया जाता हैं जिसमें दोनों वीडियो दिखाई देता हैं तो उसे super impose कहते हैं । इसमें दोनों वीडियो के opacity को कम कर दिया जाता हैं।

जम्प कट (Jump Cut)

जब same ब्लॉक के शॉर्ट्स को बीच से काट दिया जाता हैं तो उसे हम jump cut कहते हैं। जिसे देखने के बाद आंखों को jurk महसूस होता हैं।

Reeling (रीलिंग)

जब पूरी फिल्म को एक साथ एडिट कर लिया जाता हैं उसके बाद एक perticular लेंथ को अलग किया जाता हैं तो उसे Reeling कहा जाता हैं। अधिकांशतः एक रील 20 मिनट तक का बनाया जाता हैं। ये पहले नेगेटिव के लंबाई के कारण बनाया जाता था।

क्रोमा की ( Chroma Key )

क्रोमा का उपयोग बैकग्राउंड को चेंज करने के लिए किया जाता हैं। chroma शूट करने के लिए green या ब्लू कपड़े का प्रयोग किया जाता हैं। बाद में एडिटिंग में उस कपड़े को रिप्लेस किया जाता हैं क्रोमा की का प्रयोग करके।

फ्रेम ( Frame )

फ़िल्म के शूट में एक सेकंड में 24 फ्रेम होता हैं और वीडियो में 25 फ्रेम। एक एक फ्रेम मिलकर कोई भी चित्र बनता हैं। बहुत सारे फ्रेम जब लगातार चलते हैं तेज़ी से तो वो हमें वीडियो के रूप में दिखाई देता हैं।

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टेक्निकल वर्ड्स जानना क्यो ज़रूरी हैं ?

एक अच्छा एडिटर बनने के लिए और अच्छी एडिटिंग करने के लिए ऊपर दिए हुए इन वर्ड्स का मतलब जानना ज़रूरी हैं तभी आप अच्छी एडिटिंग कर सकते हो। ये सारे वर्ड्स हर समय एडिटिंग में काम आते हैं। अगर आपको इसकी समझ नही होगी तो आप कैसे अपने client को समझा सकते हो या अगर आपका क्लाइंट इस वर्ड को use किया तो फिर आप क्या करोगे ? इसलिए इन सारे वर्ड्स को समझना बेहद ज़रूरी हैं।

निष्कर्ष

आज इस पोस्ट में हमने जाना एडिटिंग से संबंधित कुछ टेक्निकल वर्ड्स के बारे में उसका क्या मतलब होता हैं और कहाँ प्रयोग किया जाता हैं। उम्मीद करता हु की ये पोस्ट आपके लिए helpful होगा। एडिंटिंग से संबंधित कोई भी सवाल हो तो कमेंट करके ज़रूर बताये। हम आपके सारे सवाल का जबाब ज़रूर देंगे।

जय हिन्द

धन्यवाद

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