सनक फ़िल्म समीक्षा

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बॉलीवुड के एक्शन हीरो विद्युत जामवाल की फ़िल्म सनक 15 अक्टूबर को डिज़्नी हॉटस्टार पे स्ट्रीम किया गया। आइये जानते हैं इस फ़िल्म के बारे में कैसी रही इस फ़िल्म की ओपनिंग ?

इस फ़िल्म को लेकर लोंगो का मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। जिस तरह से ट्रेलर में फ़िल्म को प्रोजेक्ट किया गया था वैसा कुछ भी फ़िल्म में देखने को नही मिली।

फ़िल्म की कहानी

पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड में बड़े बड़े स्टार की फिल्में देखने को मिली, लेक़िन फ़िल्म में कहानी की अगर बात करे तो कही कुछ भी नही। फ़िर भी फ़िल्म बॉक्सऑफिस पे अच्छी शुरुआत करती हैं केवल स्टार के नाम पर।

ठीक वही हाल हैं सनक का। इस फ़िल्म में कहानी के नाम पर कुछ भी नही हैं पुराने ज़माने की कहानी को मॉडर्न तरीक़े से शूट किया गया हैं। साधारण सी कहानी हैं हीरो अपनी प्रेमिका को इलाज़ करने के लिए हॉस्पिटल ले जाता हैं जहाँ कुछ गुंडे अपने बॉस को छुड़ाने के लिए हॉस्पिटल पर अटैक करते हैं।

ऐसी दरम्यान उनमें से एक गुंडे का सामना हीरो से हो जाता हैं और फ़िर दोनों में फाइट होती हैं और गुंडा हीरो के हाथों मारा जाता हैं। इसके बाद गुंडों और हीरो के बीच पूरी फ़िल्म में फाइट होती हैं हीरो अपनी प्रेमिका को बचाने के लिए गुंडों से फाइट करता हैं।

सनक ट्रेलर रिव्यु

विद्युत जामवाल का कमजोर परफॉर्मेंस

विद्युत जामवाल जब बॉलीवुड में आये थे तब से ही लोगों के बीच वे एक एक्शन हीरो माने जाते हैं। हालांकि उनकी एंट्री विलेन के रूप में हुई थी। वैसे भी वो दुनिया के बेस्ट मार्शल आर्टिस्ट में से एक हैं।

इस फ़िल्म में वो काफ़ी कमजोर दिख रहे हैं पूरी फ़िल्म में कही भी फ़िल्म के टाइटल के अनुसार नही दिखे हैं। जब उनका एक डायलाग हैं ” जब मैं शांत था तो तुम्हारे नौ लोग मारे गए, अगर मैं सनक गया तो सोचो क्या होगा ” और वो पंद्रह मिनट का समय भी देते हैं विलेन को लेक़िन उसके बाद भी वो हीरोइक नही दिखे हैं।

उनके चेहरे पे पूरी फ़िल्म में मज़बूरी दिखाई दिया हैं कही भी एक हीरो वाला अंदाज़ नही दिखा हैं। जैसा कि वो अपने शुरू के फिल्मों में अपने आप को प्रेजेंट किया हैं वैसा कही इस फ़िल्म में देखने को नही मिला हैं।

फ़िल्म का निर्देशन

इस फ़िल्म का निर्देशन कनिष्क वर्मा ने किया हैं। जबकि फ़िल्म में कहानी के नाम पर कुछ हैं नही तो निर्देशन की कड़ी भी बहुत ही ढीली हैं। निर्देशक ने हीरो विद्युत जामवाल से उनके अंदर जो प्रतिभा हैं उसको निकलने में विफ़ल रहे हैं। पूरी फ़िल्म में हीरो का रिएक्शन डरा हुआ दिखता हैं।

जबकि एक एक्शन हीरो एक्शन फ़िल्म और जिस प्रकार फ़िल्म का टाइटल हैं सनक उस तरीक़े से डायरेक्टर ने उस attitude को हीरो से निकलवाने में विफल रहे हैं। सनक मतलब की एक इंसान जब सनक जाता हैं तो पूरी दुनिया को आग लगा सकता हैं लेक़िन फ़िल्म में वैसा कुछ भी नही हैं।

फ़िल्म में एक्शन हैं लेकिन जिस attitude के साथ एक्शन होना चाहिए था वो कही न कही निराश ही किया हैं। अगर आप carefully हीरो का रिएक्शन देखेंगे तो उनके डायलाग से कही मैच नही करता हैं।

पूरी फ़िल्म में जितने भी लीड करैक्टर हैं उनका कही कुछ काम नज़र नही दिखता हैं सिवाय हीरो और विलेन के साथ उनके पंटर का। नेहा धूपिया का कही कुछ काम नही समझ आता हैं। फ़िल्म की हेरोइन की भी वही हालात हैं।

फ़िल्म का टेम्पो इतना स्लो हैं कि आप एक समय के बाद आप बोर हो जाओगे। फ़िल्म हर समय वही की वही रुकी हुई दिखती हैं। ट्रेलर देखने के बाद लोंगो ने जो उम्मीद किया था उस उम्मीद पे फ़िल्म कही नही दिखती हैं। और विद्युत जामवाल के करियर की ये सबसे निराश करने वाली फिल्म हैं।

टेक्निकल पक्ष

फ़िल्म में बहुत सारी कमिया हैं लेक़िन फ़िल्म का टेक्निकल पक्ष बहुत हद तक सही हैं। अगर हम एडिंटिंग की बात करें तो काफ़ी अच्छी एडिंटिंग देखने को मिलेगा। फ़िल्म का ग्रेडिंग भी काफ़ी बढ़िया हैं। कुछ शॉर्ट्स वाकई क़ाबिले तारीफ़ हैं।

क्या फ़िल्म आपको देखनी चाहिए

अगर आप विद्युत जामवाल के फैंस हैं तो आप एक बार फ़िल्म को देख सकते हैं लेक़िन जिस उम्मीद से आप देखने जाएंगे आपको निराशा ही हाथ लगेगी। लेक़िन अगर आप कुछ सीखना चाहते हैं तो आपको जरूर देखना चाहिए। क्योंकि कमियों को देखने के बाद ही आप बहुत बेहतर कर पाते हो।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर अगर हम बात करें तो फ़िल्म आपको निराश ही करेगी। चाहे हीरो का काम हो, सारे दूसरे करैक्टर का, कही न कही उनसे काम नही लिया गया हैं इसका एक बड़ा कारण हैं फ़िल्म की कहानी में कोई दम नही हैं।

डायरेक्शन की बात करें तो वो आप टू मार्क नही हैं। डायरेक्टर के कोशिश को सराहा जा सकता हैं लेक़िन तारीफ़ नही किया जा सकता हैं। वो चाहते तो हीरो से और बेहतर काम ले सकते थे। क्योंकि डायरेक्टर को कैप्टेन ऑफ शिप कहा जाता हैं। इसलिए सारी ज़िम्मेदारी उनकी बनती हैं। टेक्निकली बहुत कुछ देखने लायक हैं। ये एक स्वतंत्र विचार हैं फ़िल्म के बारे में।

क्या आपने फ़िल्म देखा हैं तो कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताये, की फ़िल्म आपको कैसी लगी ?

धन्यवाद

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