ब्रेकिंग न्यूज़ – ख़ासकर भोजपुरी इंडस्ट्री के डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स, और एक्टर्स के लिये ख़ुशख़बरी, आज मीटिंग के बाद सब्सिडी का रास्ता होगा साफ़

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हेल्लो फ्रेंड्स एक बार फ़िर से आप सबका स्वागत हैं आप सभी का हमारे इस ब्लॉग पे। आज बात करेंगें सब्सिडी को लेकर, ख़बर आ रही हैं कि आज एक सरकार और IMPPA के लोगों के साथ मीटिंग हैं जिसके बाद बिहार में फिल्मों के सब्सिडी को लेकर रास्ता साफ़ हो सकता हैं।

ये ख़बर काफ़ी अहमियत रखता हैं क्योंकि पिछले कई सालों से सब्सिडी को लेकर काफ़ी सारे लोग जो इन्डस्ट्री को लीड करते हैं प्रयासरत थे कि बिहार सरकार भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरह सब्सिडी प्रदान करें।

लेक़िन देर से ही सही अब सबसिडी को लेकर जो जदोजहद चल रही थी वो अब ख़त्म होने वाली हैं और सब सही रहा तो बहुत जल्द ही बिहार से भी सब्सिडी मिलना शुरू हो जाएगा। ख़ासकर जो लोग बिहार से हैं और भोजपुरी फिल्मों में काम करते हैं उनके लिए ये एक बड़ी उपलब्धि हैं।

क्या हैं मीटिंग का मक़सद

इस मीटिंग का मतलब हैं आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करना हैं कि किस तरह से और क्या इसका मापदंड होगा, किन फिल्मों को सब्सिडी दी जाएगी, कितना दी जाएगी, और क्या होगा इसका प्रोसेस।

       सिंघम अगेन और भूलभुलैया 3 क्लैश

अभी IMPPA के चेयरमैन अभय सिन्हा और बाकी लीडिंग पर्सन बिहार सरकार के प्रतिनिधि के साथ मीटिंग करेंगे और इस पर विचार विमर्श किया जाएगा। उसके बाद सरकार के द्वारा ऑफिशियली इसका अनाउंसमेंट किया जाएगा, कि कबसे सब्सिडी की सुविधा प्रदान की जाएगी।

सब्सिडी शुरू होने से क्या फ़र्क पड़ेगा

सब्सिडी अभी भारत के कई सारे राज्यों द्वारा दिया जाता हैं जैसे उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और भी कई राज्य हैं जो सब्सिडी प्रदान करती हैं। अब अगर बिहार में भी सब्सिडी की शुरुआत होती हैं तो इसका बहुत बड़ा असर पड़ने वाला हैं। न  केवल प्रोड्यूसर्स , डायरेक्टर्स  का हित होगा, बल्कि उन लोगों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा जो बिहार से मुम्बई आते हैं और यहाँ काम करते हैं।

ज़्यादातर भोजपुरी  फ़िल्म मेकर्स भोजपुरी फ़िल्म बनाने के लिए मुंबई में रहते हैं साथ ही सारे टेक्नीशियन भी यहाँ रहते हैं किसके कारण समय समय पर उन्हें बाहरी होने का एहसास भी कराया जाता हैं।

ये सच हैं कि जो भोजपुरी इंडस्ट्री में काम करते हैं उनको बॉलीवुड में न के बराबर काम मिलता हैं फ़िर भी वो मज़बूरी में मुम्बई में रहते हैं जिसके कारण यहाँ के संसाधनों पर भी भार पड़ता हैं जिसके कारण कई राजनीतिक पार्टी समय समय पर यहाँ रहने वालों का ख़ासकर बिहारी को टारगेट करते हैं।

ओये भूतनी के फ़िल्म का मोशन पोस्टर रिलीज़

जब एक बार बिहार सरकार के द्वारा सब्सिडी शुरू कर दी जाएगी तो बहुत सारे लोगों को अपने राज्य में ही काम मिलना शुरू हो जाएगा। फ़िर बिहार में भी फ़िल्म उधोग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के साधन बढ़ेंगे।

उत्तरप्रदेश की तरह विकास की होगी शुरुआत

जिस तरह से आज उत्तरप्रदेश में फ़िल्म इंडस्ट्री का निर्माण हो रहा हैं छोटे छोटे जैसे गोरखपुर, लखनऊ, जैसे शहरों में आज सारी सुविधाये उपलब्ध हैं और यहाँ बड़ी बड़ी फिल्मों की शूटिंग होती हैं जिसके कारण कई सारे रोजगार जैसे- फ़िल्म स्टूडियो, ट्रांसपोर्ट, होटल, लोकेशन, जैसे क्षेत्रों में लोगों को काम मिल रहा हैं ।

ठीक उसी तरह बिहार के लोगों को भी उनके ही राज्य में काम मिलना शुरू हो जाएगा और उनको बाहर जाने की ज़रूरत नही पड़ेगी। साथ ही और ज़्यादा फिल्मों का भी निर्माण होगा जिससे सरकार को भी राजस्व प्राप्त होगी।

भाषा के करण भी काफ़ी होती हैं परेशानी

भोजपुरी फिल्मों का ज़्यादातर पोस्ट और प्री प्रोडक्शन का काम मुम्बई में होता हैं और यहाँ मराठी और भोजपुरी भाषा के कारण भी कई तरह की परेशानी होती हैं।  अब जब बिहार में ही सारा काम होगा तो ये सारी परेशानी भी स्वतः समाप्त हो जाएगी।

बिहार को भी धरोहर को मिलेगी पहचान

यहाँ जब सब्सिडी शुरू होगी तो ज़्यादा फिल्मों का निर्माण होगा, बाहर से लोग यहाँ शूटिंग के लिए आएंगे और यहाँ के पहचान को यहाँ के संस्कृति को कैमरों में कैद करेंगे, जिसके कारण बिहार से बाहर भी बिहार को मिलेगा पहचान।

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