आज इस पोस्ट में बात करेंगे जूनियर आर्टिस्ट के बारे में क्या होता हैं जूनियर आर्टिस्ट, क्या होता हैं इनका काम और कितना पैसा मिलता हैं तो आपको बता दे जूनियर आर्टिस्ट आर्टिस्ट ही होता हैं और उनका रोज कही न कही काम होता हैं । जब आप फ़िल्म देखते हो और उसमें छोटे छोटे कैरक्टर जो होता हैं आप यू समझो कोई भीड़ दिखानी हैं या किसी एक छोटे सिन में कोई करैक्टर की ज़रूरत होती हैं उसको जूनियर आर्टिस्ट कहा जाता हैं।
इनका अपना अलग एसोसिएशन हैं जहाँ से कोई भी जूनियर आर्टिस्ट का कार्ड बनवा सकता हैं वैसे देखा जाए तो सबसे ज़्यादा काम जूनियर आर्टिस्ट के पास ही होता हैं क्योंकि हर रोज कई सारी फिल्में, सीरियल, और शो की शूटिंग रोज होती रहती हैं और हर जगह लगभग जूनियर आर्टिस्ट्स की ज़रूरत होती हैं।
इनका काम छोटा छोटा ही होता हैं लेक़िन ये कोई ज़रूरी भी नही हैं कभी कभी किसी किसी प्रोजेक्ट में लम्बा काम भी होता हैं ख़ासकर हिस्टोरिकल फ़िल्म में। अगर आपने छावा देखा हैं जो अभी बॉक्सऑफिस पर चल रही हैं उसमें कितने सारे जूनियर आर्टिस्टों का काम हैं जो सेना बने हैं।
सबसे शख़्त एसोसिएशन हैं ये
जूनियर आर्टिस्ट एसोसिएशन बहुत ही शसक्त और शख़्त भी हैं क्योंकि अगर इस एसोसिएशन के आर्टिस्ट को किसी ने परेशान किया ख़ासकर पेमेंट को लेकर तो ये तुरंत एक्शन लेती हैं और उनके साथ खड़ी होती हैं मैं आपको एक वाक्या आंखों देखी बताता हूं।
एक बार महादेव सीरियल की शूटिंग नायगांव के रामदेव स्टूडियो में चल रहा हैं मैं भी वहाँ पर मोजूद था, चलते हुए शूटिंग में एक आर्टिस्ट् की नज़र घड़ी पर पड़ी तो उस समय नास्ते का समय हो गया था। उसने रनिंग शॉट में हाथ दिखाकर डायरेक्टर को इशारा किया।
फाइनली शूटिंग रोककर नास्ते के लिए ब्रेक किया गया, अगर ऐसा कोई बड़ा आर्टिस्ट् भी नही कर सकता हैं क्योंकि उनका एसोसिएशन बहुत ही एक्टिव हैं जिसके कारण वो कही भी नियम से कोई समझौता नही करते हैं।
कितना होता हैं पेमेंट
पेमेंट को लेकर कुछ भी फाइनल कहा जा सकता हैं क्योंकि उनका पेमेंट एसोसिएशन तय करता हैं और जो भी तय होता हैं उसमें वे लोग काम करते हैं और कोई समझौता नही करते है वैसे कन्फर्म आंकड़ा तो नही हैं मेरे पास लेक़िन कम से कम 5000 एक दिन का पेमेंट तो होता ही हैं।
वही शूटिंग के बाद उनका पेमेंट अगर किसी ने रोकने की कोशिश करता हैं तो उनका एसोसिएशन हर कदम पर उनके लिए फाइट करती हैं साथ हो प्रोडक्शन उनको पिकअप और ड्राप करती हैं साथ मे ही खाने पाने और नास्ते की व्यवस्था करती गईं।
इन्हें भी पढ़ें –
फ़िल्म और टीवी में नए आर्टिस्ट को एक दिन काम करने का कितना मिलता हैं पैसा