लॉकडाउन के दरम्यान जितनी भी फिल्में बड़े स्टार्स की रिलीज़ हुई हैं उसमें अगर स्टार देना हो तो कंगना रनौत की थलावी को 5स्टार दिया जा सकता हैं। हर किसी को ये फ़िल्म ज़रूर देखना चाहिए।
जब से कोरोना का पदार्पण हुआ हमारे देश में और उसके बाद लॉकडाउन लगाया गया तबसे बॉलीवुड थम सी गयी हैं। हालांकि दूसरी बार जब अनलॉक किया गया तो बॉलीवुड में कुछ हलचल हुई।
इस दौरान बड़े बड़े स्टार्स की फिल्में ओटीटी प्लेटफार्म पे रिलीज़ किया गया और अच्छा रिस्पांस भी रहा। लेक़िन जब थिएटर को ओपन किया गया तबसे कई बड़ी फिल्में रिलीज़ की गई हैं जिसने सलमान खान की राधे, जॉन अब्राहम की मुम्बई सागा से लेकर अक्षय कुमार की बेलबॉटम तक।
थलावी क्यों हैं सबसे अलग
थलावी इन सारी फ़िल्मो से अलग हैं क्योंकि इस फ़िल्म की मेकिंग की बात करें तो वाकई क़ाबिले तारीफ हैं। जिस तरीके से इसके डायरेक्टर विजय ने फ़िल्म को डायरेक्ट किया हैं वो बहुत ही सराहनीय हैं।
कंगना रनौत की ज़बरदस्त एक्टिंग
ये फ़िल्म कंगना के करियर की बेहतरीन फ़िल्मो में से एक हैं। इसमें कंगना ने कई किरदार को निभाया हैं और सारे किरदार में बेहतर अभिनय किया हैं। चाहे वो एक्टर का किरदार हो, या एक नेता का किरदार। कंगना ने कई अलग अलग गेटअप में दिखाई दिया हैं और सबमें उन्होंने बेहतर काम किया हैं।
सारे करैक्टर में उनकी बॉडी लैंग्वेज, और डायलॉग डिलीवरी आपको पुरी तरह इम्प्रेस कर देगी। फ़िल्म में जब कँगना MGR के साथ तरह तरह की एक्टिंग के लिए गेटअप लिया हैं तो वाकई आपको 60 के दशक की याद दिला देगी।
स्टोरी के माध्यम से बेहतर सामाजिक संवाद
फ़िल्म हालांकि एक रियल स्टोरी से प्रभावित हैं जिसमे तमिलनाडु के भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयललिता जिसे अम्मा के नाम से लोग बुलाते हैं उनके जीवन और एमजीआर के संबंधों पे केंद्रित हैं। लेक़िन जिस तरीके से फ़िल्माया गया हैं वो कही न कही हमारे जीवन पे गहरा प्रभाव डालने में सक्षम हैं।
कई ऐसे सीन हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। एक सीन हैं जब कंगना एक बच्ची से मिलती हैं और उससे बात करने से पता चलता कि स्कूल में मिडडे मिल के नाम पर धोखाधड़ी हो रहा हैं।
जब वो स्कूल जाती हैं तो वहाँ वो देखती हैं कि एक छोटा लड़का और लड़की बैठे हैं और उसको खाना दिया जाता हैं । लड़का कहता हैं लड़की से तुम तो कह रही थी कि बहुत तरह का अलग अलग पकवान खाने में मिलेगा लेक़िन ये तो केवल चावल हैं।
तब लड़की उसको कहती हैं आंखे बंद करो और एक एक निवाला खिलाती हैं लड़के को और कहती हैं हर निवाले के साथ अलग अलग पकवान समझ के खा लो। ये सीन वाकई में हमारे देश में मिडडे मिल के नाम पर हो रहे धोखे का पोल खोल के रख देती हैं। इस सीन को देखकर आपको गुस्सा ज़रूर आएगा साथ ही आप भावुक भी हो जाओगे।
सरकारी कामकाज और राजनीति के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश
इस फ़िल्म में इस तरह के कई सीन हैं जो आपको सोचने पर मज़बूर कर देगी की आख़िर क्या हो रहा हैं हमारे देश में । इतने साल बीत जाने के बाद भी आज बजी हम वही हैं वही मानसिकता हैं ख़ासकर सरकारी महकमों में।
वही दूसरी तरफ राजनीति के दावे पेच जो दिखाया गया हैं बिल्कुल सही हैं। राजनीति में लोग अपने फ़ायदे के लिए किसी को नही छोड़ते हैं । एक बार जीत जाने के बाद उनको जनता से कोई मतलब नही होता हैं।
यही एक सबसे बड़ा कारण हैं कि आज भी हमारे देश मे नवयुवक राजनीति में जाने से परहेज़ करते हैं। सही कहा गया हैं कि पोलटिक्स इज़ अ डर्टी गेम। आप इस फ़िल्म को देखके भलीभांति समझ सकते हो।
एक डायलॉग में कंगना कहती भी हैं मुख्यमंत्री से की केवल घोषणा कर देने से और संसाधन उपलब्ध करवा देने से ही नही होता हैं उसपर बारीक़ी से नज़र भी रखने की ज़रूरत होती हैं तभी जनता को उसके हक़ की चीज़ें मिल पाती हैं।
लेक़िन हमारे देश का दुर्भाग्य ये हैं कि यहाँ ऊपर से लेकर नीचे तक हर कोई बहती गंगा में हाथ धो रहा हैं तो जनता अगर शिकायत करें भी तो किससे करें। लेक़िन अगर हमारी सरकार स्ट्रिक्ट हो तो सबकुछ संभव हैं जैसा आप अनिल कपूर की फ़िल्म नायक में देखा भी होगा।
फ़िल्म मेकर राजनीतिक लोग और जनता को ये फ़िल्म ज़रूर देखना चाहिए
जब सलमान खान की राधे योर मोस्ट वांटेड भाई आयी थी तो लोगों को काफी उम्मीद थी लेक़िन जिस तरीके से फ़िल्म की स्टोरी थी वाकई लोगों को निराश किया था। केवल स्टार के नाम पे पैसे कमा लेना और कुछ भी तोड़ मरोड़ के पेश के देना यही किया जाता हैं यहाँ तक कि बड़े फ़िल्म मेकर के द्वारा।
इसलिए इस फ़िल्म को हर फ़िल्म मेकर को देखना चाहिए कि किस तरह मनोरंजन के साथ साथ हमारे समाज और देश मे व्याप्त भ्रष्टाचार को सामने लाया जाता हैं।
ठीक उसी तरह हमारे नेता लोग देखें इस फ़िल्म को ताकि अगर थोड़ी भी शर्म बची हैं तो जनता के लिए सोचे और उनके हित की रक्षा के लिए काम करें । जैसा कि इस फ़िल्म में एमजीआर ने कर के दिखाया हैं। एक डायलॉग हैं एमजीआर का की अगर आप जनता को प्यार दोगे तो जनता भी आपको प्यार करेगी।
निष्कर्ष
अंत में यही कहूंगा कि ये फ़िल्म इस साल रिलीज हुई सब फ़िल्मो से अलग हैं और जिस तरीके से फ़िल्म में एंटरटेनमेंट के साथ सामाजिक परिवेश को दर्शाया गया हैं वाकई सराहनीय हैं । यही कारण हैं कि इस फ़िल्म को ज़रूर एक बार हर किसी को देखना चाहिए।
अगर आपने नही देखा हैं तो ज़रूर देखिए और अगर देखा हैं तो कमेंट करके ज़रूर बताये आपको फ़िल्म कैसी लगी। और हमारा ये पोस्ट सही लगा हों तो शेयर भी करें।
धन्यवाद