Biography of Aamir Khan-आमिर खान की जीवनी: मिस्टर परफेक्शनिस्ट का सफर

ravi

हेल्लो फ्रेंड्स आज इस पोस्ट में बात करने वाले हैं बॉलीवुड के परफेक्शनिस्ट आमिर खान के बारे में, जानेंगे उनके प्राम्भिक जीवन से लेकर बॉलीवुड स्टार बनने तक के सफ़र के बारे में।

हिंदी सिनेमा की दुनिया में कुछ ऐसे सितारे हैं जिन्होंने सिर्फ अपनी एक्टिंग से ही नहीं बल्कि सोच और काम करने के तरीके से भी दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है। उनमें से एक नाम है आमिर खान। उन्हें अक्सर “मिस्टर परफेक्शनिस्ट” कहा जाता है क्योंकि वे हर फिल्म में बारीकियों पर ध्यान देते हैं और अपने किरदार को असली रंग देने के लिए पूरी मेहनत करते हैं। आइए जानते हैं उनके जीवन का सफर विस्तार से।

आमिर खान का प्रारंभिक जीवन

आमिर खान का जन्म 14 मार्च 1965 को मुंबई में हुआ था। उनका पूरा नाम मुहम्मद आमिर हुसैन खान है। वे एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता ताहिर हुसैन फिल्म निर्माता थे और चाचा नासिर हुसैन हिंदी सिनेमा के जाने-माने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर रहे हैं। फिल्मी माहौल में पले-बढ़े आमिर का झुकाव बचपन से ही अभिनय की ओर था।

स्कूल की पढ़ाई उन्होंने J.B. Petit School, बाद में St. Anne’s High School और फिर Bombay Scottish School से की। पढ़ाई के दौरान ही वे टेनिस में भी अच्छे खिलाड़ी थे और महाराष्ट्र के स्टेट लेवल पर खेले।
बाल कलाकार से शुरुआत

आमिर खान ने फिल्मों में अपनी पहली झलक 1973 में दिखाई जब वे अपने चाचा नासिर हुसैन की फिल्म यादों की बारात में बतौर बाल कलाकार नज़र आए। इसके बाद वे फिल्म मधोश (1974) में भी दिखे। हालांकि उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि यही बच्चा आगे चलकर बॉलीवुड का सुपरस्टार बनेगा।

टाइगर श्रॉफ की जीवनी – Biography of Tiger Shroff

अभिनय करियर की शुरुआत

आमिर का असली फिल्मी सफर शुरू हुआ 1984 की फिल्म होली से, जिसमें उन्होंने एक छोटा रोल किया। लेकिन स्टारडम उन्हें मिला क़यामत से क़यामत तक (1988) से। इस फिल्म में उनके साथ जूही चावला थीं और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया। इस फिल्म ने आमिर को रातों-रात युवा दिलों का चहेता बना दिया।

90 का दशक – रोमांटिक हीरो से एक्सपेरिमेंटल स्टार
90 के दशक में आमिर खान ने कई हिट फिल्में दीं। दिल (1990), जो जीता वही सिकंदर (1992), हम हैं राही प्यार के (1993), अंदाज़ अपना अपना (1994) और राजा हिंदुस्तानी (1996) जैसी फिल्मों ने उन्हें टॉप हीरोज़ की लिस्ट में ला खड़ा किया।

राजा हिंदुस्तानी उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुई और उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला।
अंदाज़ अपना अपना भले ही उस वक्त बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट न रही हो, लेकिन बाद में यह एक कल्ट कॉमेडी बन गई।

मिस्टर परफेक्शनिस्ट की छवि

90 के दशक के आखिर और 2000 के शुरुआती दौर में आमिर खान ने यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ स्टार नहीं, बल्कि एक सोच वाले कलाकार हैं।
लगान (2001) ने न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी उन्हें पहचान दिलाई। यह फिल्म ऑस्कर अवॉर्ड्स में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए नॉमिनेट हुई।

दिल चाहता है (2001) ने भारतीय युवाओं की सोच को बदल दिया और फ्रेश कहानी कहने का नया दौर शुरू किया।
यहीं से उन्हें “मिस्टर परफेक्शनिस्ट” कहा जाने लगा क्योंकि वे स्क्रिप्ट चुनने में बेहद सावधानी बरतते थे।
प्रोडक्शन और निर्देशन
आमिर खान ने एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म प्रोडक्शन और निर्देशन में भी कदम रखा।
उनकी पहली प्रोडक्शन फिल्म लगान ही थी, जिसने इतिहास रच दिया।

2007 में उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा और तारे ज़मीन पर बनाई। यह फिल्म बच्चों और शिक्षा प्रणाली पर गहरी चोट करती है और आज भी हिंदी सिनेमा की क्लासिक मानी जाती है।

अजय देवगन की जीवनी : एक साधारण इंसान से सुपरस्टार तक का सफर

चुनौतियों के बाद सुपरहिट फिल्में

2000 और 2010 के दशक में आमिर खान ने लगातार ऐसी फिल्में दीं जिनका असर सिर्फ बॉक्स ऑफिस तक नहीं बल्कि समाज पर भी पड़ा।
रंग दे बसंती (2006) ने युवाओं को जागरूक किया।
गजनी (2008) ने 100 करोड़ क्लब की शुरुआत की।
3 Idiots (2009) भारतीय शिक्षा प्रणाली पर तीखा व्यंग्य थी और इसने सारे रिकॉर्ड तोड़े।

PK (2014) ने धर्म और अंधविश्वास पर सवाल उठाए।
दंगल (2016) ने महिला सशक्तिकरण और खेलों पर आधारित एक सच्ची कहानी को पेश किया और यह भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी।

निज़ी जीवन

आमिर खान का निजी जीवन भी चर्चा में रहा है। उन्होंने पहली शादी रीना दत्ता से 1986 में की थी, लेकिन 2002 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद 2005 में उन्होंने फिल्म निर्माता किरण राव से शादी की। दोनों का एक बेटा है – आज़ाद राव खान। 2021 में आमिर और किरण ने भी अलग होने का फैसला किया, लेकिन दोनों अब भी अच्छे दोस्त और प्रोफेशनल पार्टनर हैं।

आमिर सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखते हैं। उनका टीवी शो सत्यमेव जयते (2012) समाजिक समस्याओं पर आधारित था और बहुत लोकप्रिय हुआ।
पुरस्कार और उपलब्धियाँ
आमिर खान को कई फिल्मफेयर अवार्ड्स और राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
2010 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
2003 में पद्म श्री भी मिला।
वे उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं जिनकी फिल्में न सिर्फ भारत में बल्कि चीन जैसे देशों में भी रिकॉर्ड तोड़ती हैं।


निष्कर्ष

आमिर खान का करियर सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं है। वे एक सोच रखने वाले इंसान हैं जो अपने काम से समाज को संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने साबित किया है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं बल्कि बदलाव का माध्यम भी हो सकता है।
आज भी जब आमिर खान किसी फिल्म का हिस्सा बनते हैं तो दर्शक उसे “एक्सपेरियंस” की तरह देखते हैं। शायद यही वजह है कि वे मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहलाते हैं।

इन्हें भी पढ़ें

क्या होता हैं IPRS रॉयल्टी , किस किस को मिलती है  रॉयल्टी मनी, और आप कैसे इसका फ़ायदा ले सकते हो

अगर आप बॉलीवुड से संबंधित वीडियो देखना चाहते हो तो आप हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हो। साथ ही कोई सवाल हो तो इंस्टाग्राम पर भी आप पूछ सकते हो।

Share This Article
Leave a comment