आज शाहिद कपूर और पूजा हेगड़े की फ़िल्म देवा सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई हैं इस फ़िल्म को लेकर लोगों का मिलाजुला रिएक्शन आने लगा हैं ये फ़िल्म एक एक्शन ड्रामा फ़िल्म हैं जिसको लेकर बज़ बना हुआ हैं। बताया जा रहा हैं कि इस तरह की कई सारी फिल्में बॉलीवुड में बनाई जा चुकी हैं। तो आइए जानते हैं कैसी हैं ये फ़िल्म ।
ये फ़िल्म 12 साल पहले आई फ़िल्म “मुम्बई पुलिस” का रीमेक हैं लेक़िन आज 13 सालों बाद ये फ़िल्म बनाई गई हैं लेक़िन फ़िल्म में वो नयापन नही हैं फ़िल्म की कहानी से 2025 में अपने आप को कनेक्ट नही कर पाएंगे।
वही इस फ़िल्म का फर्स्ट हाफ़ काफ़ी लंबा हैं और फ़िल्म की कहानी प्रोपर सेकंड हाफ़ के बाद शुरू होती हैं वही जब आप क्लाइमेक्स तक पहुँचते हैं तो आपको आपके कई सवाल का ज़बाब नही मिल पाता हैं वही फ़िल्म का स्क्रीनप्ले कमज़ोर हैं जिसके कारण आपको बहुत कुछ ख़ास मज़ा नही मिलने वाला हूं।
फ़िल्म में आपको हीरो कई कारनामे देखने को मिलेगा लेक़िन कोई कनेक्शन देखने को नही मिलेगा । वही जब आप फ़िल्म देख कर बाहर निकलते हैं तो आप सोचने पर मज़बूर हो जाते हैं कि आख़िर फ़िल्म का हीरो कैसा होना चाहिए। वही फ़िल्म के टेक्निकल टीम की बात करें तो काफ़ी बढ़िया हैं।
अमित रॉय की सिनेमाटोग्राफी काफ़ी काफ़ी पसंद आएगा। श्रीकर प्रसाद का संपादन बहुत लाज़बाब हैं वही एक्टिंग की बात करें तो शाहिद कपूर ने अपने कैरेक्टर को काफ़ी बेहतरीन परफॉर्म किया हैं उनका एरोगेंट, गुस्सा, एक्शन, आपको वाकई एंटरटेन करेगा। उनका यादाश्त होने और खोने वाले दोनों में काफ़ी पर प्रभावी लगे हैं लेक़िन अंत में उनका कैरेक्टर जस्टिफाई नही हो पाता हैं।
पूजा हेगड़े और शाहिद की जोड़ी ठीकठाक हैं और पूजा ने अपने पात्र के साथ न्याय किया हैं वही दूसरे पात्र पावेल गुलाटी, प्रवेश राणा, कुबरा सैत ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाई हैं।
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देवा को कहानी
कहानी शुरू होती हैं फ़्लैश बैक से जहाँ एक सरफिरा पुलिस वाला जो एक बड़े केस को सुलझा कर आ रहा होता हैं तभी उसका एक्सीडेंट हो जाता हैं और उसकी यादाश्त चली जाती हैं देवा की यदाश्त जाने वाली बात केवल उसके डॉक्टर फ़रहान ( प्रवेश राणा) को रहता हैं दुर्घटना से पहले देवा ने फ़रहान को बताता हैं कि उसने केस को सॉल्व कर लिया हैं देवा किसी प्रोटोकॉल को फॉलो नही करता हैं एयर किसी भी मुज़रिम को बेरहमी से मरता हैं।
इसको लेकर पत्रकार ( दीया ) पूजा हेगड़े भी न्यूज़ बना देती हैं और लिखती हैं को पुलिस हैं या माफ़िया। वही देवा को मुम्बक के एक गैंगेस्टर की तलाश हैं और वो जब भी उसको पकड़ने की कोशिश करता हैं हर बार वो बच के निकल जाता हैं जिसके कारण पुलिस डिपार्टमेंट को शक़ होता हैं कि कोई अंदर का ही हैं जो सारा भेद बता देता हैं।
वही दूसरा ट्रैक हैं जिसमें देवा के भाई जैसा दोस्त रोहन ( पावेल गुलाटी) को गोली मारकर हत्या कर दी जाती हैं गोली उसी दिन मारी जाती हैं जिस दिन उसे वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाना होता हैं। अब देवा अपने दोस्त के कत्ल के केस को छानबीन शुरू करता हैं मगर जबतक वो केस को सॉल्व करता हैं उसकी यादाश्त चली जाती हैं।
यदाश्त जाने के बाद फ़िर से उसे केस सॉल्व करने को मिलता हैं जैसे जैसे वो केस को सॉल्व करता जाता हैं उसके हाथ सुराग लगता हैं और जब उसे अपराधी का पता चलता हैं तो देवा के साथ दर्शक भी शॉक्ड हो जाता हैं। ये देवा की कहानी।
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