Nepotism in Bollywood | बॉलीवुड में वंशवाद के अंत की शुरुआत |

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Nepotism in Bollywood | बॉलीवुड में वंशवाद के अंत की शुरुआत
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Nepotism In Bollywood (बॉलीवुड में वंशवाद )

आज जो हालात बॉलीवुड में बना हुआ है उसका एक सबसे बड़ा कारण वंशवाद भी हैं। इसमें कोई गलत नही है कि हर कोई अपने पिता के विरासत को आगे ले जाना चाहता है और ज़्यादातर मामले में अपने पिता के प्रोफेशन को लोग अपनाते हैं। ये हमारा इतिहास भी रहा है। राजा का बेटा राजा चाहे उसमे वो काबलियत हो या न हो।

लेकिन जब हम बॉलीवुड के बारे में बात करते है तो यहां वंशवाद शुरू से ही रहा है। हर बड़े एक्टर का बेटा एक्टर बनता रहा है। उसमें कई एक्टर सफल भी हुए है लेकिन ज़्यादातर असफ़ल ही रहे है इसका कारण वंशवाद ही है
क्योंकि अपने स्टार होने के दम पे अपने बच्चे को वो टैलेंट न होते हुए भी ज़बरदस्ती कास्ट कर देते है। जिसका नतीजा ये होता है कि वो असफल साबित होता हैं। इसमें किसी को कोई आपत्ति नही होनी चाहिए क्योंकि देश स्वतंत है हर कोई अपने हिसाब से काम कर सकता है।

Outsiders Vs Insiders

लेक़िन विवाद तब होता है जब एक इंडस्ट्री से बाहर का कोई टैलेंट अपने दम पे इंडस्ट्री में कुछ बड़ा करता है तो वंशवाद फैलाने वाले लोगो को अपना अस्तित्व ख़तरे में नज़र आने लगता हैं इसी का नतीजा आप सबके सामने है सुशांत सिंह राजपूत की हत्या।
एक लड़का 34 सााल के उम्र आपने दम पर बॉलीवुड में अपन एक अलग मुकाम बनाता है जो नेपोटिजम को फैलाने वालों को पसंद नही आता है और उसे इतना टॉर्चर किया जाता है कि वो आत्महत्या को मजबूर हो जाता है और उसके बाद शुरू होता है नेपोटिज़्म के खिलाफ जंग।
इस जंग का असर है कि बड़े बड़े स्टार की फिल्में दम तोड़ रही है। हालांकि इंडस्ट्री को अपनी जागीर समझने वाले को उनकी औकात लोगों ने दिखाना शुरू कर दिया है। दिल बेचारा , परीक्षा ,जैसी फिल्मों की सफ़लता ने उनकी नीव हिला दिया है।।

Effeect Of Nepotism ( वंशवाद का असर )

वंशवाद को दो नज़रिए से देखने की ज़रूरत हैं क्योंकि इसको लेकर लोग भी दो खेमों में बाटे हुए हैं। जो Insider हैं उनका मानना हैं कि वो क्या ग़लत करते हैं अगर उन्होंने अपने जीवन मे मेहनत करके सफ़लता पाई हैं तो उनके बच्चे को अगर प्लेटफार्म मिलता हैं तो इसमें ग़लत क्या हैं ?
जबकि दूसरी तरफ़ लोगों का मानना हैं कि इन स्टार के कारण केवल उनके ही बेटे और बेटियों को लांच भी किया जाता हैं बड़े बड़े प्रोडक्शन हाउस के द्वारा।

Conclusion ( निष्कर्ष )
अगर एक स्टार पुत्र या पुत्रियों को मौक़ा मिलता हैं तो इसमें कोई ग़लत बात नही हैं लेक़िन ग़लत तब होता हैं जब एक बाहर से आकर जिसका कोई गॉडफादर नही हैं इस इंडस्ट्री में वो जब अपना मुक़ाम हासिल करता हैं और स्टार किड्स को पीछे छोड़ देता हैं तब Nepotiam का गंदा खेल खेला जाता हैं और फ़िर सुशांत सिंह राजपूत की तरह नए लोगों को मज़बूर किया जाता हैं।
उनसे फिल्में छीन ली जाती हैं। उन्हें तरह तरह से परेशान किया जाता हैं। तब ये ग़लत हैं। न केवल सुशांत सिंह राजपूत , न जाने हर साल कितने ऐसे लोग आत्महत्या करते हैं इसका शिकार होकर। लेक़िन अब इसके ख़िलाफ़ आवाज़े उठने लगी हैं और इसका असर भी दिखने लगा हैं। गुंजन सक्सेना, जैसी कितनी फिल्में जिसमे स्टार किड्स होने के बाद और बड़े बजट के होते हुए भी फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं।
कुल मिलाकर अब समय आ गया हैं इसका विरोध भी लाज़मी हैं और तभी जाके इस वंशवाद जैसे राक्षस से छुटकारा मिल सकता हैं।।
इस पोस्ट में मैंने बॉलीवुड में व्याप्त वंशवाद के बारे में बातें किया हैं। आप क्या सोचते हो, क्या सही हैं क्या ग़लत हैं कृपया आप कमेंट करें और इस आर्टिकल से जुड़े कोई सुझाव हो तो ज़रूर कमेंट करें।। आप अगर वीडियो देखने मे दिलचस्पी रखते हो तो आप हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हो और कोई भी सवाल जबाब के लिए Instagram ,Telegram या Twitter पेे भी जुड़ सकते हो।।
धन्यवाद
जय हिंद
रवि.यू.यादव

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