स्टारडम एक ऐसा वर्ड हैं जिससे हर किसी को प्यार होता हैं चाहे लाइन कोई भी हर जगह लोग स्टार बनना चाहते हैं, लेक़िन ये हर किसी के हिस्से में नही होता हैं। कहा जाता हैं कि हर 20 सालों में स्टार पैदा होता हैं। लेक़िन अब स्टारडम ख़त्म हो रहा हैं Stardom is fading away from Bollywood। ये भी कहा जाता हैं कि स्टारडम पाने के लिए नसीब का भी होना ज़रूरी हैं। लेक़िन हर कोई यहाँ पहुचना चाहता हैं।
लेक़िन अब स्टारडम को लेकर लोगों की अवधारणा बदल रही हैं। अब राजा का बेटा ही राजा होगा इस तरह की सोच अब बदल रही हैं। अब समय हैं टैलेंट और मेहनत करने वालों का। आज हम बात बॉलीवुड की बात कर रहे हैं और बॉलीवुड में पिछले एक की बात करें तो बहुत सारे outsiders जिनका दुर दूर तक बालीवुड से कोई नाता नही था और न ही कोई गॉडफ़ादर था उनलोगों ने बॉलीवुड में काफ़ी सफ़लता अर्जित किया हैं।
ये लिस्ट काफ़ी लंबी होती जा रही हैं। इसमें नवाज़ुद्दीन सिद्धिकी, मनोज बाजपेयी, कार्तिक आर्यन, ऐसे बहुत से एक्टर हैं जिन्होंने अपने मेहनत और टैलेंट के दम पर बॉलीवुड में काफ़ी सफलता अर्जित किया हैं। इस सफ़लता को देखकर नए आने वाले लोगों को भी काफ़ी प्रोत्साहन मिला हैं। अब ये सिलसिला चल पड़ा हैं और आगे और ज़्यादा तेज़ी से बढ़ेगा। इस बात को लेकर बॉलीवुड के बड़े स्टार भी बात करते हैं और वे मानते हैं कि स्टारडम ख़त्म हो रहा हैं।

परेश रावल ने माना स्टारडम ख़तम हो रहा हैं
बॉलीवुड के वेटरन एक्टर परेश रावल ने इस बात को माना हैं कि अब स्टारडम ख़त्म हो रहा हैं इस बात को लेकर उन्होंने कहा हैं कि हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग की शुरुआत हो गया हैं। उन्होंने कहा कि अब स्टार बनने के लिए एक्टिंग भी ज़रूरी हैं। अब स्टार को भी एक्टिंग करनी पड़ती हैं और उन्हें भी भूमिका निभानी पड़ती हैं। क्योंकि अब दर्शक समझ गए हैं कि अब तक उन्होंने जो देखा हैं वो काफ़ी नाही था। परेश रावल के अनुसार अच्छा काम करते रहने से ही कोई स्टार बन सकता हैं। उन्होंने नीलेश मिश्रा के The Slow Interview के दौरान पूछने पर ये सारी बातें कही।
अब स्टारकास्ट फिल्में भी नही चल पाती
अपने इंटरव्यू के दौरान परेश रावल ने आगे कहा कि अब ऑडियंस और प्रोडक्शन का व्यवहार भी बदल रहा हैं। ये अच्छी बात हैं कि अब स्टार कास्ट फिल्में भी अच्छा बिज़नेस नही कर पा रही हैं क्योंकि अब दर्शक भी कुछ अलग देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये और अच्छी बात हैं कि भारत मे अब विदेशी स्टूडियोज़ भी काफ़ी हैं जो ओरिजनल कंटेंट को कॉपी करने से रोकती हैं।
उन्होंने कहा कि अब आप विदेशी फिल्मों के स्क्रिप्ट को नही चुरा सकते क्योंकि उनके वकील तुरंत आपको नोटिस थमा देंगे। हमारे पास इतना समृद्ध सामग्री खुद हैं और हम उनका कॉपी करते थे। उन्होंने कहा पिछले कुछ सालों में शाहरुख , आमिर और अक्षय कुमार की फिल्में बुरी तरह फ़्लॉप हुई हैं।
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कुल मिलाकर उनका कहना था कि अब सही समय आ गया हैं अब स्टार कोई हमेशा नही रह सकता। अब स्टार वही रहेगा जो अच्छा काम करेगा, तभी तक स्टारडम बरकरार रहेगा। आप अगर अच्छा और ओरिजनल स्क्रिप्ट पे काम नही करेंगे तो फिल्में नही चल सकती, क्योंकि दर्शक अब काफ़ी समझदार हो गयी हैं।
निष्कर्ष
परेश रावल के वक्तव्य के अनुसार अब वाकई अच्छा समय आ रहा हैं ख़ासकर टैलेंटेड और आउट साइडर्स के लिए। क्योंकि पहले केवल स्टार की बातें होती थी और स्टार के अनुसार ही फिल्में परफॉर्म करती थी लेक़िन अब ऐसा नही हैं।
आप क्या सोचते हो ये कितना सही है क्या वाकई एक नए और स्वर्णिम युग की शुरुआत हो रही हैं। कृपया कमेंट करके ज़रूर बताये।।