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आज इस पोस्ट में बात करेंगे कि किस तरह से आप फ़िल्म मेकिंग कर सकते हैं। कैसे एक प्रॉफिटेबल फ़िल्म मेकिंग की जा सकती हैं ? कहाँ से आप सीख सकते हैं ?
क्या हैं प्रॉफिटेबल फ़िल्म मेकिंग ?
फ़िल्म मेकिंग एक पूरी तरह से टेक्निक हैं । आज हिंदुस्तान में हर साल सारे भाषाओं को मिला दे तो लगभग 1000 फिल्में बनाई जाती हैं।
लेकिन क्या आपको पता हैं कि इनमें से कितनी फिल्में हैं जो बॉक्स आफिस पे अच्छा कर पाती हैं ? क्या हैं इसका कारण , आखिर क्यों फिल्में सफल नही हो पाती हैं।
तो इस आर्टिकल में आज यही बात करेंगे और आपको बताएंगे कि कैसे एक प्रॉफिटेबल फ़िल्म मेकिंग कर सकते हैं ?
फ़िल्म फ्लॉप होने के कारण
वैसे तो फ़िल्म हिट और फ्लॉप होना ये एक आम प्रक्रिया हैं। लेकिन अगर हम फ्लॉप होने के कारण की बात करें तो इसके बहुत से अलग अलग कारण हैं
1. नए कहानी की कमी
आज फिल्मों के फ्लॉप होने या नुक़सान होने का सबसे बड़ा कारण हैं स्टोरी की कमी। क्योंकि आज ज़्यादातर फिल्में चाहे वो बड़े स्टार की ही फ़िल्म क्यों न उसमें स्टोरी के नाम पे कुछ नही होता हैं
अभी सलमान खान की फ़िल्म राधे आयी थी आपने अगर देखा होगा तो आप अच्छी तरह से समझ सकते हो की फ़िल्म की कहानी क्या थी ?
ये अलग बात हैं कि स्टारडम के नाम पर फ़िल्म को नुकसान नही हुआ हैं अगर इसी कहानी को लेकर कोई नया एक्टर काम करता तो शायद फ़िल्म पानी नही मांगता।
2. बड़े राइटरों का बोलबाला
ऐसा नही हैं कि अच्छी और नई कहानी की कमी हैं लेकिन बॉलीवुड में हमेशा से बड़े ओहदे वालों का ही चलता हैं जिसके कारण नए लोंगो को बहुत ही कम मौक़ा मिलता हैं।
बहुत सारे राइटर्स हैं जिनके पास एकदम अलग और फ्रेस स्टोरी हैं लेक़िन उनकी पहुच न होने के कारण उनको मौक़ा नही मिल पाता हैं।
जिसके कारण जो बड़े नाम वाले राइटर हैं वे अपनी ही कहानी को हमेशा परोसते रहते हैं। लेक़िन शुक्र हैं कि स्टार के नाम पे फिल्मों को नुकसान कम होता हैं
3. फिल्मों का ओवर बजट होना
फ़िल्म मेकिंग में नुकसान का एक सबसे बड़ा कारण ये भी हैं कि ओवर बजट फिल्में बनाई जाती हैं जिसका कारण स्टार का भारी भरकम फीस लेना साथ ही शेयर पार्टनर होना।
आज हर बड़ा स्टार अपनी मुँह मांगी फीस लेता हैं और फ़िल्म में उनका शेयर भी होता हैं जिसके कारण फ़िल्म का बजट बहुत ही ज़्यादा होता हैं जिसको निकाल पाना मुश्किल हो जाता हैं और फ़िल्म फ्लॉप के श्रेणी में चला जाता हैं।
4. Nepotism का असर
पिछले साल 2020 से बॉलीवुड में Nepotism के ख़िलाफ़ काफी आवाज़े उठायी गयी। सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के बाद ये मामला काफी तूल पकड़ा जो अभी तक चल रहा हैं।
बॉलीवुड में Nepotism भी एक बहुत बड़ा कारण हैं फिल्मों के असफल साबित होने में। यहाँ हर बड़ा स्टार का बेटा बेटी, रिश्तेदार को लांच किया जाता हैं चाहे वो एक्टिंग की A B C भी न जानता हो।
और तो और ऐसे एक्टर को लेके बायोपिक फिल्में तक बनाई जाती हैं आपने पिछले साल जनव्ही कपूर की फ़िल्म गुंजन सक्सेना देखा होगा।
क्रिटिक्स ने काफी आलोचना किया था जनव्ही कपूर के एक्टिंग को लेकर। इस nepotism के कारण नए talletnt को जल्दी मौक़ा नही मिल पाता हैं और अगर मौक़ा मिल भी गया तो उनको उस लेबल तक पहुचने नही दिया जाता हैं।
और अगर अपनी मेहनत से वो मुक़ाम हासिल कर भी लेते हैं तो उनको इतना टॉर्चर किया जाता हैं कि वो आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं।
जबतक नए टैलेंट नही आएंगे तबतक उन्ही स्टारों को लेकर फिल्में बनाई जाती हैं चाहे उनकी उम्र 60 साल ही क्यों न हो, जिसे लोग अब देखना पसंद नही करते हैं। ये भी एक बड़ा कारण हैं फ़िल्म के प्लॉप होने में।
5. पब्लिक के इंटरेस्ट का ख्याल न रखना
बॉलीवुड में आज भी पब्लिक क्या देखना चाहती हैं उसके बारे में कोई रिसर्च नही किया जाता हैं उनके इंटरेस्ट का कोई खयाल नही रखा जाता हैं।
जो बड़े मेकर हैं उन्हें जो अच्छा लगा वो परोस देते हैं। ऐसा नही हैं कि बॉलीवुड में अच्छी फिल्में नही बनती या अच्छा बिजनेस नही करती हैं।
बाहुबली, दंगल, जैसी फिल्में भी बनी हैं जो सफलता के झंडे भी गाड़ दिया हैं। लेक़िन ऐसी फिल्मों की लिस्ट बहुत ही छोटी हैं।
6. स्क्रिप्ट पे समय कम देना
हमारे देश मे यू कहे कि बॉलीवुड में खासकर क्षेत्रीय फिल्मों में स्क्रिप्ट पे काम बहुत ही कम किया जाता हैं। वही अगर हम हॉलीवुड की बात करें तो वहाँ तीन तीन सालों तक केवल स्क्रिप्ट पे काम किया जाता हैं इसलिए उनकी फिल्में ऑस्कर जीत जाती हैं।
जबकि हमारे यहाँ तीन साल में 3 फिल्में बनकर रिलीज़ भी हो जाती हैं।
यहाँ फ़िल्म मेकिंग को क्रिएटिव से ज़्यादा मनी मेकिंग माना जाता हैं जिसके कारण ज़्यादतर फिल्में बॉक्स आफिस पे अच्छा नही कर पाती हैं।
दूसरी तरफ बाहुबली और दंगल जैसी फ़िल्म बनती हैं और रेकॉर्ड को तोड़ देती हैं क्योंकि उस फिल्म के पटकथा पे बहुत ही मेहनत किया जाता हैं।
ये कुछ करना हैं जिसके कारण फिल्में प्रॉफिट नही काम पाती हैं और फ्लॉप साबित होती हैं। अगर ऐसी फ़िल्म बनानी हैं जिसमे नुकसान का चांस 1 परसेंट हो तो उपयुक्त जो कमियां हैं उसको सुधारना पड़ेगा तभी एक अच्छी और बेहतर फ़िल्म बनेगी जो रिकार्ड्स को भी तोड़ेगी।
कहाँ से सीखें प्रॉफिटेबल फ़िल्म मेकिंग
इसको आप कही से सीख नही सकते हो क्योंकि फ़िल्म मेकिंग सिखाई जाती हैं किसी भी स्कूल में। आप फ्लॉप फ़िल्म को देखकर उसने एनालिसिस करके खुद सीख सकते हो कि कहा क्या कमी हैं ताकि उसको सुधारकर एक अच्छी और कमाऊ फ़िल्म बनाई जाए।
साथ ही आप हमारे YouTube चैनल Bollywod Help Center के लाइव सेशन जो हर मंगलवार और शनिवार को शाम 7.00 बजे किया जाता हैं जिसमे बॉलीवुड के एक्सपर्ट अपनी राय शेयर करते हैं और आपके सारे सवालों का जबाब भी देते हैं।
उम्मीद करता हु ए जानकारी आपको सहायक हो सकती हैं आप क्या सोचते हैं फिल्में क्यों ज़्यादा फ्लॉप ही होती है कृपया कमेंट करके ज़रूर बताये।
धन्यवाद