पिछले दिनों बॉलीवुड सुपर स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एनसीबी ने गोवा में एक क्रूज़ पे ड्रग्स लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया था। उसके बाद आर्यन को रिमांड पे भेज दिया गया। आर्यन के गिरफ़्तारी के बाद से बॉलीवुड में हड़कंप सा मच गया हैं। बड़े बड़े सेलेब्रिटीज़ और नेता अपने अपने हिसाब से बयान दे रहे हैं।
आर्यन खान को लेकर बहुत ही बेतुके बयान दिए जा रहे हैं। यह तक कहा जा रहा हैं कि आर्यन निर्दोष हैं उनके नाम के आगे खान लगा हैं जिसके कारण उसको फ़साने की कोशिश की जा रही हैं। इस तरह के बयान से माहौल को और खराब करने की कोशिश की जा रही हैं। आइये जानते हैं किसने क्या कहा ?
राष्ट्रीय कॉंग्रेस पार्टी के नेता नबाब मालिक ने NCB पे लगाया आरोप
पिछले दिनों नबाब मालिक ने बयान दिया था कि इस ऑपरेशन में भाजपा के लोग शामिल थे। ये सारी गिरफ़्तारी भाजपा के इशारों पे ही कि गई हैं। हालांकि इस बात का एनसीबी ने विरोध किया हैं। लेक़िन इस तरह के बयान से मामला पेचीदा होता जा रहा हैं।
नितेश राणे ने किया नबाब मालिक पे पलटवार
नितेश राणे जो भाजपा के नेता हैं और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के सुपुत्र हैं उन्होंने नबाब मालिक के बयान पे पलटवार किया हैं और कड़ा जबाब दिया हैं। उन्होंने कहा कि नबाब मालिक इस तरह चिल्ला क्यों रहा हैं इसलिए क्योंकि आर्यन एक खान हैं । उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत से तुलना भी किया । आगे उन्होंने कहा कि आर्यन खान हैं इसलिए उसे बचाने की कोशिश हो रही हैं।

कांग्रेस नेता अधीर चौधरी का उल्टा बयान
कांग्रेस के ही दूसरे नेता अधीर चौधरी ने भी अपने बयान से चर्चे में हैं। उन्होंने आर्यन खान की गिरफ़्तारी को लखीमपुर खीरी हिंसा में नामित आशीष मिश्रा से किया हैं। उनका कहना था कि आर्यन की गिरफ़्तारी जिस तत्परता से किया गया हैं आशीष मिश्रा के समय क्यों नही किया गया क्योंकि वो केंद्रीय राज्यमंत्री का बेटा था।
आरजेडी के नेता मनोज झा का बयान
उनका कहना था कि एक तरफ़ जहाँ मुंद्रा बंदरगाह पे 3000 किलो ड्रग्स पकड़ा गया हैं उससे ज़्यादा आर्यन खान के मामलों को मीडिया में उछाला जा रहा हैं। यानी कि उन्होंने भी एक तरह से एनसीबी के एक्शन के ख़िलाफ़ ही अपना बयान दिया हैं।
भाजपा नेता किरीट सोमैया का पलटवार
उन्होंने कहा हैं मैं समझ नही पा रहा हु की नबाब मालिक ठाकरे और पवार के प्रवक्ता हैं या ड्रग कार्टेल। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि कुल 14 लोंगो की गिरफ़्तार किया गया था लेकिन केवल 8 लोगों को ही क्यों दोषी पाया गया। यानी कि आर्यन दोषी हैं इसलिए उसपे करवाई किया गया हैं।
फ़िल्म मेकर संजय गुप्ता ने भी किया आर्यन का सपोर्ट
उनका कहना था कि शाहरुख़ खान हर समय हर किसी की ज़रूरत के समय खड़ा रहे हैं ये बात मैं फैक्ट के साथ कह सकता हु। वही आगे उन्होंने कहा कि भगवान न करें कि कही मेरे सच बोलने की सज़ा मेरे दस साल के बेटे को इसकी कीमत चुकानी पड़े।
आख़िर क्यों जब भी ऐसी बात होती हैं हमारे देश मे तो उल्टे सीधे बयान दिए जाते हैं ?
हमारा देश एक प्रजातंत्र देश हैं और संविधान के अनुसार हर किसी को अपनी अभिव्यक्ति की आज़ादी हैं। लेक़िन इसका मतलब ये कतई नही हो सकता कि लोग कुछ भी बयान दे। ख़ासकर वे लोग जो बड़े ओहदे पर हैं। ये बिल्कुल ग़लत हैं
इस सबका सबसे बड़ा कारण ये हैं कि हमारे देश में ये एक प्रथा की तरह बन गया हैं कि आप अगर किसी पार्टी से ताल्लूक रखते हैं तो दूसरी कोई पार्टी चाहे वो कितना भी सही काम करें लेक़िन आपको हमेशा उसका विरोध ही करना हैं।
और यही कारण हैं कि हमारे देश में कोई बड़ा से बड़ा जुर्म कर ले उसको भी सपोर्ट करने के लिए लोग खड़े हो जाते हैं। जिसके कारण गुनाह करने वालों की हिम्मत और बढ़ जाती हैं और उसके अंदर से कानून का डर तक ख़त्म हो जाता हैं।
अब ज़रूरत हैं इसपे एक्शन लेने की
अब समय आ गया हैं कि बोलने की आज़ादी जो हमे दी गई हैं उसमें सुधार करने की। आप अपनी बात रखो लेक़िन देश मे माहौल खराब हो या जिस वक्तव्य से हमारे देश की अखंडता पे आंच आये ऐसे बयान देने वालों पे कारवाई की ज़रुरत हैं।
अगर ऐसा नही किया गया तो न जाने आगे क्या होगा। कोई भी कुछ भी बोल सकता हैं देश , धर्म और समाज के बारे में। जिसका असर हमारे देश के माहौल पे होता हैं। यही कारण हैं कि हमारे देश मे क्राइम करने वालों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।
जब NCB ने रंगे हाथों आर्यन खान को पकड़ा हैं तो फिर ये लोग कौन होते हैं सरकारी काम काज़ में दखल देने वाले। अगर बोलना ही है तो सही बोलो चाहे वो आप किसी पार्टी से हो। जो सही हैं उसको सही और जो ग़लत हैं उसको गलत बोलो।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर हमारे देश में जिस तरह का माहौल बनाया जाता हैं सरकारी काम को लेकर भी, बिना सही जाने ये बिल्कुल ग़लत हैं। लेक़िन अब सरकार को इस मामले पे एक्शन लेने की ज़रूरत हैं नही तो इसका दूरगामी परिणाम होगा।
धन्यवाद